Golden Temple in Amritsar
GOLDEN TEMPLE HISTORY
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स्वर्ण मंदिर किसने बनाया है?
असल में इस महान मंदिर के नाम हरमंदिर साहिब है जो golden temple के नाम पर जायदा जनजाता है दुनियां में,इस मंदिर के स्थापना का श्रेय सिखों के चौथे गुरु रामदास जी को जाता है,1500 सताब्दी में गुरु रामदास ने एक सरोबर के किनारे रहने लगेथे जिसके चलते वहां भक्तो की भीड़ लगी और भक्तों ने गुरु रामदास केलिए वही सरोबार को खोद कर बड़ा करदिये और साथ में गुरु केलिए एक मंदिर जैसे एक महल भी बनायागया,भक्तों ने गुरु रामदास के चारो और घर बनवा के रहने लगे और वो पूरा जागा एक बड़ा बस्ती में बनगया और उस बस्ती के नाम अमृतसर रखागया इसी तरह से बनगया स्वर्ण मंदिर अमृतसर का इतिहास.
हरमंदिर साहिब किस धर्म के मंदिर है ?
इस महान मंदिर को कोई भी जाके दर्शन करसकता है पर असल में ये मंदिर सिखों केलिए बनायागया है,सिखों का मन्ना ये है की कोई भी इंसान मंदिर के सरोबर में नाहा के मंदिर के दर्सन करेगा तो इंसान के हर की हुई पाप धूल जाता है,और उसी इंसान को स्वर्ग प्राप्त होता है,इसीलिए इस मंदिर में हमेसा सिख नजर आते है, स्वर्ण मंदिर के चारो और जो पानी है उसी पानी में कोईभी नहाता है तो कथा के अनुसार कोई भी मरीज़ ठीक होजाता है
ये मंदिर पुरे 3 मंजिल की बनाया गया है और मंदिर के चरों और अनजाने के रास्ता बनाया गया है, स्वर्ण मंदिर तालाब के बीचो बिच है वहां जानेकेलिए 60 मीटर लम्बा एक पुल बनायागया है जिसे दासनि दिउड़ी कहते है,
- इस महान मंदिर के निर्माण कार्य को गुरु राम दास ने पूरा कर करनेही पाये थे जिसके चलते राम दास के बेटा गुरु अर्जुन ने इस मंदिर के काम को सपर्ण किये थे,हरमंदिर साहिब मंदिर को 500 साल से भी जयादा होचुका है,ये दुनियां का एक लोता मंदिर है जहाँ सोने का दीवाल बनायागया है.
image by flicker.com
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